यह भजन धन, समृद्धि और भाग्य की हिंदू देवी लक्ष्मी के लिए एक प्रार्थना है। गीत लक्ष्मी की सुंदरता, शक्ति और परोपकार की प्रशंसा करते हैं। वे उससे गायक को धन, समृद्धि और खुशी का आशीर्वाद देने के लिए भी कहते हैं।

- भजन का पहला श्लोक लक्ष्मी का परिचय देता है और ब्रह्मांड के संरक्षक विष्णु की पत्नी के रूप में उनकी प्रशंसा करता है।
- दूसरा श्लोक ब्रह्माण्ड की माता के रूप में लक्ष्मी की स्तुति करता है, और
- तीसरा श्लोक उन्हें निराकार दुर्गा, योद्धा देवी के रूप में स्तुति करता है।
- चौथा श्लोक धन और समृद्धि की दाता के रूप में लक्ष्मी की स्तुति करता है।
- पाँचवाँ श्लोक संसार की रक्षक के रूप में लक्ष्मी की स्तुति करता है।
- छठा श्लोक सभी अच्छे गुणों के स्रोत के रूप में लक्ष्मी की स्तुति करता है।
- सातवाँ श्लोक भोजन और वस्त्र के दाता के रूप में लक्ष्मी की स्तुति करता है।
- आठवें श्लोक में सौंदर्य और धन की देवी के रूप में लक्ष्मी की स्तुति की गई है।
- नौवां श्लोक सभी अच्छी चीजों की दाता के रूप में लक्ष्मी की स्तुति करता है।
- दसवां श्लोक लक्ष्मी से गायक को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देने के लिए कहकर भजन का समापन करता है।
यह भजन अक्सर त्योहारों और विशेष अवसरों के दौरान गाया जाता है, जैसे कि दिवाली, रोशनी का हिंदू त्योहार। यह घर या मंदिर में गाया जाने वाला एक लोकप्रिय गीत भी है।
Om Jai Lakshmi Bhajan Lyrics | ॐ जय लक्ष्मी | (हिन्दी)

ॐ जय लक्ष्मी माता
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।
Om Jai Lakshmi Bhajan Lyrics in English

Om Jai Lakshmi Mata
Om Jai Lakshmi Mata, Maiya Jai Lakshmi Mata.
Tumko Nishidin Sevat, Hari Vishnu Vidhata.
Om Jai Lakshmi Mata.
Uma, Rama, Brahmaani, Tum Hi Jag-Mata.
Surya-Chandramaa Dhyavat, Narad Rishi Gaata.
Om Jai Lakshmi Mata.
Durga Rup Niranjini, Sukh Sampatti Data.
Jo Koi Tumko Dhyavat, Riddhi-Siddhi Dhan Pata.
Om Jai Lakshmi Mata.
Tum Pataal-Nivasini, Tum Hi Shubhdata.
Karma-Prabhav-Prakashini, Bhavanidhi Ki Traata.
Om Jai Lakshmi Mata.
Jis Ghar Mein Tum Rahti, Sab Sadgun Aata.
Sab Sambhav Ho Jata, Man Nahin Ghabrata.
Om Jai Lakshmi Mata.
Tum Bin Yagya Na Hote, Vastr Na Koi Pata.
Khan-Paan Ka Vaibhav, Sab Tumse Aata.
Om Jai Lakshmi Mata.
Shubh-Gun Mandir Sundar, Ksheeroddhadhi-Jata.
Ratna Chaturdash Tum Bin, Koi Nahin Pata.
Om Jai Lakshmi Mata.
Mahalakshmi Ji Ki Aarti, Jo Koi Jan Gaata.
Ur Anand Samaata, Paap Utar Jata.
Om Jai Lakshmi Mata.
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
“ओम जय लक्ष्मी माता” वाक्यांश का क्या अर्थ है?
“ओम जय लक्ष्मी माता” वाक्यांश का अर्थ है “मां लक्ष्मी को नमस्कार”। यह एक पारंपरिक हिंदू अभिवादन है जिसका उपयोग अक्सर देवी लक्ष्मी के प्रति समर्पण व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
भजन के प्रथम पद का क्या महत्व है?
भजन का पहला श्लोक लक्ष्मी का परिचय देता है और ब्रह्मांड के संरक्षक विष्णु की पत्नी के रूप में उनकी प्रशंसा करता है। यह श्लोक लक्ष्मी को हिंदू पौराणिक कथाओं में एक शक्तिशाली और महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में स्थापित करता है।
भजन के दूसरे श्लोक का क्या महत्व है?
भजन का दूसरा श्लोक ब्रह्माण्ड की माता के रूप में लक्ष्मी की स्तुति करता है। यह श्लोक जीवन और जीविका के दाता के रूप में लक्ष्मी की भूमिका पर जोर देता है।
भजन के तीसरे श्लोक का क्या महत्व है?
भजन का तीसरा श्लोक निराकार दुर्गा, योद्धा देवी के रूप में लक्ष्मी की स्तुति करता है। यह श्लोक लक्ष्मी की शक्ति और शक्ति को स्वीकार करता है।
भजन के चौथे श्लोक का क्या महत्व है?
भजन का चौथा श्लोक धन और समृद्धि के दाता के रूप में लक्ष्मी की स्तुति करता है। यह श्लोक भाग्य की देवी के रूप में लक्ष्मी की भूमिका की याद दिलाता है।
भजन के पांचवें श्लोक का क्या महत्व है?
भजन का पाँचवाँ श्लोक संसार की रक्षक के रूप में लक्ष्मी की स्तुति करता है। यह श्लोक निर्दोषों की रक्षक के रूप में लक्ष्मी की भूमिका पर जोर देता है।
भजन के छठे श्लोक का क्या महत्व है?
भजन का छठा श्लोक सभी अच्छे गुणों के स्रोत के रूप में लक्ष्मी की स्तुति करता है। यह श्लोक सद्गुण के अवतार के रूप में लक्ष्मी की भूमिका को स्वीकार करता है।
भजन के सातवें श्लोक का क्या महत्व है?
भजन का सातवां श्लोक भोजन और वस्त्र के दाता के रूप में लक्ष्मी की स्तुति करता है। यह श्लोक बुनियादी आवश्यकताओं के प्रदाता के रूप में लक्ष्मी की भूमिका की याद दिलाता है।
भजन के आठवें श्लोक का क्या महत्व है?
भजन का आठवां श्लोक सौंदर्य और धन की देवी के रूप में लक्ष्मी की स्तुति करता है। यह श्लोक भौतिक संपत्ति के दाता के रूप में लक्ष्मी की भूमिका की याद दिलाता है।
भजन के दसवें श्लोक का क्या महत्व है?
भजन का दसवां श्लोक लक्ष्मी से गायक को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देने के लिए कहकर भजन का समापन करता है। यह श्लोक लक्ष्मी की दैवीय कृपा का अनुरोध है।
निष्कर्ष
ओम जय लक्ष्मी माता भजन धन, समृद्धि और भाग्य की हिंदू देवी लक्ष्मी के लिए एक शक्तिशाली और मार्मिक प्रार्थना है। गीत में लक्ष्मी की सुंदरता, शक्ति और परोपकार की प्रशंसा की गई है, और वे उनसे गायक को धन, समृद्धि और खुशी का आशीर्वाद देने के लिए कहते हैं। भजन हिंदुओं के लिए लक्ष्मी के प्रति अपनी आस्था और भक्ति व्यक्त करने का एक लोकप्रिय तरीका है।