सब सुख लहे तुम्हारी सरना | भक्ति और अर्थ की गहराई
भारत की भक्ति परंपरा में ‘हनुमान चालीसा’ का अत्यंत महत्त्व है। इस चालीसा की प्रत्येक चौपाई श्रद्धालुओं के मन में अटूट आस्था जगाती है। इन्हीं चौपाइयों में से एक है:
“सब सुख लहे तुम्हारी सरना,
तुम रक्षक काहू को डरना।”
यह पंक्ति बहुत गहराई और विश्वास से भरी हुई है। इस लेख में हम ‘सब सुख लहे तुम्हारी सरना’ के लिरिक्स, उसका विस्तृत भावार्थ, धार्मिक व आध्यात्मिक महत्त्व, और आज के युग में इसकी प्रासंगिकता को समझने का प्रयास करेंगे।
लिरिक्स (Lyrics) – चौपाई का शाब्दिक रूप
सब सुख लहे तुम्हारी सरना,
तुम रक्षक काहू को डरना।
यह चौपाई श्री गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा का एक अंश है। यह पंक्ति भक्त और भगवान के बीच अटूट संबंध को दर्शाती है।
भावार्थ (Meaning)
इस चौपाई का भावार्थ है:
“जो भी तुम्हारी (हनुमान जी की) शरण में आता है, वह सभी प्रकार के सुखों को प्राप्त करता है। जब तुम (हनुमान जी) स्वयं रक्षक बन जाते हो, तो किसी भी प्रकार का भय शेष नहीं रहता।”
यह पंक्ति भक्तों को यह आश्वासन देती है कि हनुमान जी की शरण में आकर जीवन के सभी दुख समाप्त हो सकते हैं और मनुष्य भयमुक्त जीवन जी सकता है।
पंक्ति का आध्यात्मिक अर्थ
“शरण” का अर्थ केवल बाहरी सहारा नहीं है, बल्कि यह मन, वचन और कर्म से हनुमान जी को समर्पित हो जाने की अवस्था है। जब हम सच्चे मन से प्रभु की शरण में जाते हैं, तब वह हमारे जीवन की बागडोर अपने हाथों में ले लेते हैं।
इस पंक्ति का आध्यात्मिक संदेश यह है कि हमें ईश्वर पर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए। जब हम उन्हें अपना मार्गदर्शक मान लेते हैं, तब जीवन की कठिनाइयाँ भी आसान लगने लगती हैं।
धार्मिक महत्त्व
हनुमान जी का स्वरूप
हनुमान जी को “संकटमोचन”, “भीमरूपी”, “रामदूत” और “कष्टनिवारक” के रूप में पूजा जाता है। उनके भक्तों का विश्वास है कि:
- वे अद्भुत शक्ति के स्वामी हैं
- वे भक्तों की रक्षा करते हैं
- वे जीवन के दुखों को हर लेते हैं
राम भक्तों के लिए विशेष आश्वासन
यह चौपाई खासकर उन लोगों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक है जो अपने जीवन में संकटों, मानसिक तनावों या भय से जूझ रहे हैं। उन्हें यह विश्वास मिलता है कि यदि वे हनुमान जी की शरण में आ जाएँ, तो हर संकट हल हो सकता है।
भक्तों का अनुभव
भारत के कोने-कोने में, विशेषकर मंगलवार और शनिवार को, लाखों भक्त हनुमान मंदिरों में जाकर इस चौपाई का जाप करते हैं। अनेक श्रद्धालु कहते हैं कि:
- हनुमान जी की भक्ति से उन्हें नौकरी मिली
- असाध्य रोगों से मुक्ति मिली
- कोर्ट-कचहरी के केस जीत गए
- गृह कलह शांत हुए
इन सभी अनुभवों का एक ही आधार है — हनुमान जी की शरण में जाना।
आज के युग में प्रासंगिकता
आज के समय में जब जीवन तेज़ रफ्तार, प्रतियोगिता, तनाव और चिंता से भरा हुआ है, ऐसे में आध्यात्मिक शरण लेना अधिक महत्त्वपूर्ण हो गया है।
“सब सुख लहे तुम्हारी सरना” की पंक्ति आज के युग में यह सिखाती है कि:
- ईश्वर की शरण में जाने से मानसिक शांति मिलती है
- भय और अनिश्चितता से मुक्ति मिलती है
- आत्मबल और आत्मविश्वास बढ़ता है
- नकारात्मकता दूर होती है
यह चौपाई केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी अत्यंत लाभदायक है।
कैसे करें इस चौपाई का जाप?
हनुमान जी की कृपा पाने के लिए इस चौपाई का जाप निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:
प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें
विशेषकर सुबह और शाम को।
ध्यान के साथ जपें
मन एकाग्र कर के 108 बार ‘सब सुख लहे तुम्हारी सरना’ का जप करें।
संकट के समय विशेष जाप करें
जब भी आप किसी परेशानी में हों, इस चौपाई का स्मरण करें।
तुलसी के पौधे के पास बैठकर करें जाप
यह स्थानिक ऊर्जा को बढ़ाता है और मन को शांति देता है।
अन्य संबंधित चौपाइयाँ जो इसी भाव को पुष्ट करती हैं
‘हनुमान चालीसा’ में कई चौपाइयाँ ऐसी हैं जो ‘सब सुख लहे तुम्हारी सरना’ के भाव को और मजबूत करती हैं, जैसे:
“भूत पिशाच निकट नहीं आवे,
महावीर जब नाम सुनावे।”
“नासै रोग हरै सब पीरा,
जपत निरंतर हनुमत बीरा।”
यह सब चौपाइयाँ हनुमान जी की शरण में जाने के फायदों को दर्शाती हैं।
जीवन में इसे अपनाने के तरीके
- हर दिन का प्रारंभ हनुमान जी के स्मरण से करें
- संकट आने पर भयभीत होने की बजाय प्रभु को पुकारें
- भक्ति को केवल शब्दों में न रखें, व्यवहार में भी उतारें
- हर कार्य से पहले ‘जय हनुमान’ कहें – यह सकारात्मक ऊर्जा देगा
- संकट के समय इस चौपाई को कम से कम 21 बार जपें
निष्कर्ष (Conclusion)
“सब सुख लहे तुम्हारी सरना” एक छोटी-सी चौपाई होते हुए भी, जीवन के संपूर्ण दुःख और भय का समाधान प्रस्तुत करती है। यह पंक्ति न केवल धार्मिक, बल्कि भावनात्मक, मानसिक और आत्मिक रूप से भी हमें बल प्रदान करती है।
यदि हम सच में हनुमान जी की शरण में आ जाएं, तो जीवन में कोई भी संकट बड़ा नहीं होता।
उनकी कृपा से जीवन में सुख, शांति, और सफलता मिलती है।
आपके लिए एक सुझाव
यदि आप नियमित रूप से ‘हनुमान चालीसा’ पढ़ते हैं या इस चौपाई का जाप करते हैं, तो अपने अनुभव को एक डायरी में लिखें। समय के साथ आप खुद देखेंगे कि जीवन में कितने सकारात्मक परिवर्तन आए हैं।